सिकंदरा, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश
30 अक्टूबर, 2025
आज पदयात्रा की शुरुआत सुबह 8 बजे सिल्हौला, कानपुर देहात से हुई। सुबह से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बावजूद देश के विभिन्न राज्यों से आए पदयात्रियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। बारिश में भीगते हुए भी सभी पदयात्री आगे बढ़ते रहे।




दोपहर लगभग 1 बजे पदयात्रा शिव गणेश मैरेज हॉल, सिकंदरा पहुँची, जहाँ दोपहर के भोजन और अल्प विश्राम का कार्यक्रम हुआ। यहाँ स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने पदयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से नरेश कटियार (पूर्व जिला अध्यक्ष, कांग्रेस), राकेश कुमार दोहरे (ब्लॉक अध्यक्ष, कांग्रेस), शमीम कुरैशी (PCC सदस्य, कांग्रेस), अरविंद पाल (जिला सचिव, कांग्रेस), अरुण बौद्ध (सामाजिक कार्यकर्ता), विपिन गौतम, सरेंद्र कटियार, राम बहादुर कटियार, और राजकुमार सविता शामिल रहे।इस अवसर पर सर्व सेवा संघ की ओर से स्वागतकर्ताओं को ‘सर्वोदय जगत’ पत्रिका, गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’, तथा संघ द्वारा प्रकाशित नई पुस्तक “आरोपों की आंधी में अडिग गांधी” भेंट की गई।
सभा को संबोधित करते हुए नरेश कटियार (पूर्व विधानसभा प्रत्याशी, कानपुर देहात) ने कहा कि “यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि गांधीजी के विचारों पर आधारित यह पदयात्रा आज कानपुर देहात की धरती से गुज़री है। जिस जोश और संकल्प के साथ यह यात्रा आगे बढ़ रही है, वह बताता है कि देश के लोग अब गांधीजी के आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए तैयार हैं। यह यात्रा केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि सत्य, अहिंसा और न्याय के लिए जन-जागरण का आंदोलन है। हम संकल्प लेते हैं कि 26 नवंबर को दिल्ली राजघाट पहुँचकर इस यात्रा के संदेश को और बुलंद करेंगे।”




वहीं, शमीम कुरैशी (PCC सदस्य) ने कहा -“कानपुर देहात में इस यात्रा का आगमन हमारे लिए गौरव की बात है। जब आज के समय में करोड़ों लोग रोजगार, असमानता और असुरक्षा से जूझ रहे हैं, तब गांधीजी के स्वदेशी, सत्य और समानता के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। यह यात्रा सिर्फ पैदल सफर नहीं, बल्कि गांधीवादी विचारधारा के पुनरुत्थान की घोषणा है। कानपुर देहात के लोग इस यात्रा में सक्रिय भागीदारी देकर एक नया संदेश दे रहे हैं कि हम नफरत और विभाजन की राजनीति से ऊपर उठकर प्रेम, शांति और स्वराज के रास्ते पर चलने के लिए तैयार हैं।”
कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि 26 नवंबर को दिल्ली राजघाट पहुँचकर इस 1000 किलोमीटर लंबी पदयात्रा को सफलता की दिशा में पूर्ण किया जाएगा, ताकि गांधीजी के विचारों और सर्व सेवा संघ के संदेश को पूरे देश में फैलाया जा सके।


यात्रा में शामिल प्रमुख प्रतिभागी:
चंदन पाल, अरविंद कुशवाहा, नंदलाल मास्टर, अरविंद अंजुम, सोमनाथ रोड़े, भूपेश भूषण, सतीश मराठा, गौरांग महापात्रा, ध्रुव भाई, अविनाश काकडे, सुमन, विद्याधर मास्टर, श्यामधर तिवारी, जगदीश कुमार, विकास, मानिकचंद, अनोखेलाल, जोखन यादव, सरिता बहन, सिस्टर फ्लोरीन, अलीभा, अंतर्यामी बराल, सौरभ, गौरव, निधि, सुमन, प्रवीण, दीक्षा, बृजेश, टैन, सचिन, हेतवी, सत्येंद्र सिंह, दीप नारायण, अशोक सिंह, मोनिका, निर्मला, ज्ञानेश्वर, बालासाहब मिसाल, सूरज माते, रामदास मानव, भागीरथी, अमर सिंह, तेजस्विता, जेबा, राधेश्याम, दिनेश कुमार, दलपत सिंह धुर्वे आदि।

