वाराणसी राजघाट से दिल्ली राजघाट तक पदयात्रा
सर्व सेवा संघ – प्रेस विज्ञप्ति
जगतपुर
7 अक्टूबर 2025
भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला संविधान और लोकतंत्र पर हमला: पदयात्रा टीम
आज सुबह 7 बजे आयोजित सर्व धर्म प्रार्थना सभा के दौरान पदयात्रा में शामिल सभी साथियों ने एक स्वर में भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी. वाई. गंवई पर हुए हमले की कठोर शब्दों में निंदा की।
पदयात्रियों ने कहा कि – “यह हमला केवल देश के मुख्य न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा आघात है। यह देश के उन सभी शोषित, वंचित और कमजोर तबकों पर हमला है जिनकी न्याय में आस्था है। यह वही विचारधारा है “जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी । आज वही ताकतें संविधान तथा लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने में लगी हुई हैं।

श्याम नारायण मिश्रा की स्मृति में पौधारोपण
पदयात्रा में शामिल गांधीवादी एवं सत्य मेव जयते के संस्थापक श्याम धर तिवारी द्वारा संचालित तुलसी संस्थान, बरउत में पदयात्रियों का रात्रि विश्राम हुआ था।
आज अगले पड़ाव में प्रस्थान से पूर्व, पदयात्रा के दौरान गोपीगंज पड़ाव में दिवंगत हुए पदयात्री श्याम नारायण मिश्रा की स्मृति में, तुलसी संस्थान परिसर में पौधारोपण किया गया। पदयात्रियों ने इस अवसर पर कहा कि यह पौधा केवल श्रद्धांजलि का प्रतीक नहीं, बल्कि श्याम नारायण मिश्रा के विचारों और सामाजिक समर्पण का जीवंत प्रतीक रहेगा।

प्रयागराज में पदयात्रा का प्रवेश
बनारस और भदोही जिलों के बाद आज पदयात्रियों का प्रवेश प्रयागराज ज़िले में हुआ। प्रातः 8:00 बजे पदयात्री बरौत से हंडिया की ओर अग्रसर हुए। इस दौरान जीटी रोड के विभिन्न स्थानों पर पदयात्रियों का गर्मजोशी से माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कई स्थानों पर जलपान की व्यवस्था भी की गई थी। इसके बाद पदयात्री दोपहर में प्रताप सिंह यादव महाविद्यालय, हंडिया पहुँचे, जहाँ उन्होंने विश्राम किया और दोपहर का भोजन किया।
मरे हुए पशुओं की तीव्र दुर्गंध से परेशान हुए पदयात्री
पदयात्रा के मार्ग में मरे हुए पशुओं से फैल रही तीव्र दुर्गंध के कारण पदयात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर यह मालूम चला कि मृत पशुओं के निस्तारण की कुव्यवस्था अब एक गंभीर समस्या का रूप ले चुकी है। मृत पशुओं को इधर-उधर फेंक देने से भयंकर दुर्गंध, स्वच्छता संकट और सामुदायिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पूर्व में कुछ समुदाय पारंपरिक तरीके से मृत पशुओं का उचित निस्तारण करती थी, जिससे स्वच्छता और पर्यावरण दोनों का संतुलन बना रहता था। लेकिन समय के साथ उस समुदाय की पहचान के आधार पर उन्हें सामाजिक रूप से हाशिए पर रखा गया, जिसके परिणामस्वरूप यह परंपरा टूट गई और अब मृत पशुओं का अनुचित निस्तारण एक गंभीर समस्या बन गई है।


राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम, इसलिए राजनीति में आईं : युवा नेत्री आसमा आदिवासी
दोपहर में भोजन के बाद पदयात्री हंडिया से अपने आख़िरी पड़ाव जगतपुर की ओर रवाना हुए। यात्रा के दौरान ठिकाना ढाबा पर स्थानीय पदयात्रियों ने स्वागत किया। स्थानीय आयोजकों को भी पदयात्रा टीम द्वारा गांधी की आत्मकथा एवं सर्व सेवा संघ द्वारा प्रकाशित नई पुस्तक “आरोपों की आंधी में अडिग गांधी” भेंट की गई। इस दौरान एक छोटी अनौपचारिक सभा भी आयोजित की गई, जिसमें पदयात्रा में शामिल कुछ साथियों ने अपने विचार रखे।
रीवा (मध्य प्रदेश) से आई युवा नेत्री आसमा आदिवासी, जो वार्ड सदस्य हैं, ने बताया कि वे अपनी मां से प्रभावित होकर सामाजिक जीवन में आईं। छोटी उम्र से ही उन्हें समाचारों और देशभर की राजनीतिक घटनाओं को सुनने और समझने में गहरी रुचि थी। उन्होंने कहा कि राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी काफी कम है, इसलिए वे राजनीति में आने के लिए उत्सुक हुईं। इस दौरान उन्हें चुनाव लड़ने का अवसर मिला और वे विजयी रहीं। उनका मानना है कि आज भी महिलाएं समाज में काफी उपेक्षित हैं; उन्हें अपने अधिकारों के लिए आगे आकर संघर्ष करना होगा।





मध्य प्रदेश से आए पदयात्री एवं वकील मोहन दीक्षित ने कहा कि “लोग तब भरोसा करते हैं जब वे समर्पण और त्याग देखते हैं। आज सभी लोगों ने हम पर जो भरोसा जताया है, वह हमारे कार्यों में झलकना चाहिए। यात्रा के दौरान युवाओं से भी संवाद बनाए रखना आवश्यक है।”
रात में पदयात्रा कान्हा ढाबा पहुंची, जहां स्थानीय नेताओं द्वारा पदयात्रा टीम का स्वागत किया गया। इसके बाद पदयात्रा अपने अंतिम पड़ाव बाला प्रसाद कुशवाहा इंटर कॉलेज, जगतपुर पहुंची।
16 राज्यों के पदयात्री शामिल
अब तक इस यात्रा में देश के 16 राज्यों — तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व रहा है ।
आज प्रमुख प्रतिभागियों में शामिल रहे:
भूपेश भूषण (युवा प्रकोष्ठ संयोजक), मिहिर प्रताप दास (उड़ीसा सर्वोदय मंडल अध्यक्ष), नंदलाल मास्टर (पदयात्रा आयोजन समिति संयोजक), श्यामधर तिवारी (सत्यमेव जयते), सतीश मराठा (हरियाणा), सरिता बहन (विनोबा आश्रम, गागोदा), सचिन (राष्ट्रीय युवा संगठन), पवित्रन (सर्वोदय मंडल कोषाध्यक्ष), दिवाकर,ए. आर. पलानीसामी, श्रीनिवासन (तमिलनाडु), डॉ सुखचंद्र झा, अंकुर शाश्वत ( झारखंड ), जीतेन नंदी, काजल मुखर्जी (पश्चिम बंगाल), विद्याधर, जोखन यादव, सिस्टर फ्लोरीन, निधि, सिराज अहमद, अंतर्यामी बरल, जगदीश कुमार (पूर्व प्रदेश संयोजक, राजस्थान), संजय (जय किसान आंदोलन), टी. के. सिन्हा, अनोखेलाल , संजय कुमार, संजीव सिंह ,सतेंदर सिंह राबिया बेगम, गौरव पुरोहित, विवेक यादव, विवेक मिश्रा, सौरभ त्रिपाठी, इंदु पांडे, आसमा आदिवासी, दिवाकर सिंह, विकास कुमार, ईश्वरचंद्र (सामाजिक कार्यकर्ता), भोपाल सर्वोदय मंडल के सचिव अंकित मिश्रा और मोहन दीक्षित , विदिशा से राजित द्विवेदी , रामधीरज (उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल अध्यक्ष), अरविंद कुशवाह और अरविंद अंजुम (सर्व सेवा संघ मंत्री) आदि।

