कानपुर में ‘एक कदम गांधी के साथ’ पदयात्रा में उमड़ा हज़ारों लोगों का जनसैलाब – पदयात्रा का 25वां दिन

कानपुर । 26 अक्टूबर, 2025

“एक कदम गांधी के साथ” पदयात्रा ने आज अपने 25वें दिन कानपुर शहर में नगर भ्रमण किया, जिसमें हज़ारों की संख्या में शहर के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। गांधी टोपी, तिरंगा झंडे और संदेश लिखे प्लेकार्ड लिए युवा, महिलाएं और बच्चे पदयात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरा शहर गांधी के संदेशों से गूंज उठा।

शाम 4:00 बजे फेयर इन होटल से पदयात्री नगर भ्रमण और जनसभा के लिए रवाना हुए। प्रस्थान से पूर्व सभी यात्रियों ने स्थानीय आयोजन प्रभारी एवं विधायक अमिताभ बाजपेई को महात्मा गांधी की आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरा प्रयोग’ भेंट कर सम्मानित किया।

यात्रा के दौरान नंदलाल मास्टर एवं साथियों ने “जीत गया जिसके बोल हैं – एक हमारी, एक है उनके मुल्क में हैं आवाजें दो” गीत गाया। नारों और पर्चों के साथ यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई आगे बढ़ी। इस अवसर पर यात्रियों ने समाजवादी विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया और ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा’ गीत के रचयिता पद्मश्री श्यामलाल गुप्ता की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया।

आज क्रांतिकारी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी जयंती के अवसर पर यात्रा गणेश पार्क पहुंची, जहां उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। स्थानीय नागरिकों ने यात्रियों का स्वागत तिरंगा चुनरी ओढ़ाकर किया। इस अवसर पर जनसभा का भी आयोजन किया गया। जनसभा की शुरुआत देशभक्ति गीत “अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों” से हुई, जिसकी प्रस्तुति एसआरबी ग्रुप ने दी। इसके बाद नंदलाल मास्टर एवं समूह ने “हम जुल्म से देश को आजाद कराएंगे” गीत प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम की शुरुआत में गांधी शांति प्रतिष्ठान, कानपुर के अध्यक्ष दीपक मालवीय ने पदयात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि कानपुर सदा से क्रांति की भूमि रहा है और आज यहां गांधी के अनुयायियों का स्वागत होना शहर के लिए गर्व की बात है। उन्होंने इस यात्रा को युवाओं की प्रतिबद्धता और देश में शांति, सत्य और अहिंसा के प्रसार की दिशा में एक सार्थक पहल बताया।

इसके बाद विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि यह यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि देश की अंतरात्मा की आवाज़ है। उन्होंने कहा कि जब समाज में असमानता, अन्याय और अव्यवस्था बढ़ती है, तो नागरिकों का कर्तव्य है कि वे गांधी के रास्ते पर चलकर बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाएं।

यात्रा संयोजक राम धीरज ने अपने संबोधन में वर्तमान परिस्थितियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार जनता से जुड़े मुद्दों – रोजगार, गरीबी, महंगाई, संविधान और लोकतंत्र – से ध्यान भटका रही है, जबकि यह यात्रा इन्हीं मूल प्रश्नों को केंद्र में लाने का प्रयास है।

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदनपाल ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे क्रांतिकारी पत्रकार और चिंतक उत्तर भारत के विचार-जागरण के आधारस्तंभ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सत्ता और समाज दोनों के लिए सीख है – सत्ता को जनता से जुड़ना सीखना होगा और समाज को लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दोहराना होगा।

राष्ट्रीय गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी, मौलाना हसरत मोहानी और बालकृष्ण जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की सोच और बलिदान में आज का भारत बसता है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा देश की दो सबसे बड़ी विरासतों – संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए चल रही है।

पूर्व सांसद राजा रामपाल ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए चुनावी प्रणाली में सुधार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि समाज धर्म और जाति से ऊपर उठकर समानता, न्याय और प्रेम की राह अपनाए। उन्होंने बुद्ध, लोहिया और जयप्रकाश नारायण के आदर्शों को आज के भारत के लिए प्रासंगिक बताया।

जनसभा के अंत में यात्रा समिति ने क्षेत्रीय आयोजकों और सहयोगियों को गांधी की आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरा प्रयोग’ भेंट कर सम्मानित किया।

मुख्य आयोजक (कानपुर):

दीपक मालवीय, सुरेश गुप्ता, नौशाद आलम मंसूरी, देव कबीर

सहयोगी:
विधायक अमिताभ बाजपेई, महेश मेघानी, जगदंबा भाई, बिंदा भाई, महेश शर्मा, छोटे भाई नरोना, श्रीकांत पाल, लल्लन अवस्थी, दीप शुक्ला, कुंवर जीत भाई

प्रमुख अतिथि:
पूर्व सांसद राजा रामपाल, पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, विधायक नसीम सोलंकी, नरेश चंद्र त्रिपाठी

यात्रा में शामिल प्रमुख प्रतिभागी:

चंदन पाल, अरविंद कुशवाहा, अरविंद अंजुम, सोमनाथ रोड़े, जागृति राही, भूपेश भूषण, ध्रुव भाई, फरीद भाई, सुमन, ईश्वरचंद्र, विद्याधर मास्टर, श्यामधर तिवारी, जगदीश कुमार, विकास, मोहन दीक्षित, मानिकचंद, अनोखेलाल, जोखन यादव, सरिता बहन, सिस्टर फ्लोरीन, अलीभा, अंतर्यामी बराल, सौरभ, गौरव, विवेक मिश्र, बृजेश, टैन, सचिन, अनूप आचार्य, उदय, बीरेंद्र कुमार यादव, बसंत कुमार रावत, उदय नायक, अनिल नायक, दलगोविंद नायक, अशोक विश्वराय, ज्ञानेंद्र, मुकेश, गुफरान, आलोक, राजीव यादव, अखिलेश यादव, सुरेन्द्र कुशवाहा, रुद्र दमन, महिप सिंह, खन्नू भइया, गणेशी, राजीव रत्न, अगम देव सिंह कुशवाहा, आयुष द्विवेदी, अरुण कुमार, विजय नारायण, रमाशंकर गुप्ता, सत्येंद्र सिंह, महेश कुमार, कृष्ण कुमार, रामकृष्ण, सुरेश सिंह, संजय, मदन सैनी, शंकर, निर्मल, अमन, सागिर रवि, भानु, अरुण कुमार, छोट्टन आदि।