काशी को क्योटो बनाने की घोषणा कॉरपोरेट की सेवा में समर्पित हो गया – सत्याग्रह का 96वां दिन

आज सत्याग्रह के 96 वें दिन उपवास पर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के निवासी एवं प्रदेश सर्वोदय मंडल के महामंत्री चंद्रकांत चौधरी;ज्ञानपुर, भदोही के डॉक्टर बंशीधर; पत्रकार डॉ राहुल यादव और सोशल मीडिया चैनल न्याय तक के संपादक कुमार विजय एवं प्राकृतिक चिकित्सक डॉक्टर अनीता बैठी हैं। साथ में अकोला जिले के वरिष्ठ सर्वोदयी कार्यकर्ता डॉ शिवचरण सिंह ठाकुर और चंदौली जिले के निवासी जोखन सिंह यादव भी उपवास पर हैं। शिवचरण ठाकुर ने तय किया है कि सत्याग्रह स्थल पर वे उपवास पर ही बैठेंगे। जोखन सिंह यादव भी अक्सर सत्याग्रह के दरमियान उपवास पर रहते हैं।

काशी को क्वेटो बनाने की घोषणा कॉरपोरेट की सेवा में समर्पित हो गया है – कुमार विजय

काशी को क्वेटो बनाने की घोषणा के बाद हम देख रहे हैं कि यहां शिव के मंदिरों और शिव भक्तों के घरों को भी बुलडोजर से ध्वस्त किया जा रहा है, यहां गांधी के परिसर को ध्वस्त किया गया है। करोड़ों की किताबें को कूदे की तरह फेंक दिया गया। लेकिन इन किताबों में बेहिसाब ज्ञान भरे थे जो लोगों को प्रेरित करते थे, दिशा देते थे। ज्ञान की जो क्षति हुई है, उसका हिसाब किताब कौन करेगा। बुलडोजर चलाने वाले यही सोचते थे कि सन्नाटा छा जाएगा। लेकिन यह सत्याग्रह बगावत का बिगुल है, अन्याय के खिलाफ शंखनाद है। इसे रोकना किसी के बस में नहीं है।

आज के उपवासकर्ता

राहुल यादव

राहुल यादव का जन्म जौनपुर जिले के छोटे से गांव सेहमलपुर में 1984 में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा- दीक्षा गांव पर ही संपन्न हुई। उच्च शिक्षा बीएचयू से और महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से संपन्न हुई। बीएचयू से ग्रेजुएशन के दौरान ही पत्रकारिता की शुरुआत भी कर दी। इन्हें पत्रकारिता विरासत में मिली है। चूंकि इनके पिता सियाराम यादव भी एक बड़े पत्रकार हैं, लिहाजा पत्रकारिता एक प्रकार से खून में है।इसलिए इनका मन भी पत्रकारिता में खूब रमता था। वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान इनकी मुलाकात महान गांधीवादी सुब्बाराव जी से हुई। उसी के बाद से वे गांधीवाद से प्रभावित हुए और गांधी जी की कई पुस्तकें पढ़ी। वे पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं।

डॉ अनीता

डॉक्टर अनीता प्राकृतिक चिकित्सक हैं। उनका जन्म बनारस स्टेशन से 8 किलोमीटर दूर हरहुआ ब्लॉक के दानपुर गांव में हुआ था। पढ़ाई- लिखाई कस्तूरबा बालिका इंटर कॉलेज, महावीर मंदिर, अर्डली बाजार,स्नातक की शिक्षा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ,पोस्ट ग्रेजुएशन सोशियोलॉजी, पंडित दीनदयाल गोरखपुर यूनिवर्सिटी, डीएनवाईएस, आरोग्य मंदिर गोरखपुर,एन आई एस पटियाला आदि शैक्षिक संस्थानों से हुई। इसके अलावा भी कई डिग्रियां इनके पास में है। ये डिग्रीयां इनके बहुआयामी व्यक्तित्व को परिलक्षित करती है। 2000 से विभिन्न सामाजिक आंदोलनों में इनकी सक्रिय भागीदारी रही। जिले, प्रदेश, देश में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए ये हमेशा अग्रसर रहती हैं। सभी को दवामुक्त जीवन जीने के लिए जागरूक करना इनका लक्ष्य है।

कुमार विजय

कुमार विजय का जन्म सन 1981 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद में हुआ था। इलाहबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण के दौरान गांधी और मार्क्स के विचारों को जानने समझने का मौका मिला। देश की आर्थिक- सामाजिक विषमता को देखते हुए उसी दौर में इन्हें समझ में आया कि इस देश को आज भी गांधी के विचारों की आवश्यकता है और उन्हीं के रास्ते पर चलकर ही यह देश एक बेहतर देश में तब्दील हो सकता है और यहां बेहतर मनुष्य बन सकता है।

इन्हीं विचारों को आगे बढ़ाने और गांधी के विचारों को आम जनमानस के बीच ले जाने के लिए सांस्कृतिक आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया।
कुमार विजय दर्जन भर नाटकों एवं कई वृत्तचित्रों का निर्देशन कर चुके है। 2017 में हिंदी सिनेमा में बेस्ट गीतकार के लिए नॉमिनेट हुए। फिल्म, धारावाहिक और वेबसीरीज के लेखन के साथ 2002 से अब तक पत्रकारिता में संलग्न हैं। लंबे मुंबई प्रवास के बाद वाराणसी में रहते हुए 2023 से न्याय तक के संपादक के रूप में कार्यरत हैं।

डॉ बंशीधर

बंशीधर छोटेपूर, ज्ञानपूर, संत रविदास नगर,भदोही के रहने वाले हैं। इन्होंने पूर्वांचल यूनिवर्सिटी से स्नातक किया और इलेक्ट्रॉ होम्योपैथि की पढ़ाई लखनऊ से की है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी की प्रैक्टिस 35 वर्षो से कर रहे हैं। इनका जन्म दलित व भूमिहीन मजदूर के परिवार में हुआ। वॉइस ऑफ पीपुल्स संगठन के साथ जुड़ कर जल,जंगल, जमीन के सवाल पर मुसहर समुदाय के हक के लिए लड़ते रहे हैं।वे शिक्षा,स्वास्थ्य, जमीन आवंटन की दृष्टि से जरूरतों को पूरा करने के लिए मांग उठाते रहते हैं। बंशीधर विजन संस्था के साथ मिल कर बच्चों के अधिकारों के लिए भी कार्य करते रहे हैं। बुनकरों के लिए हक की आवाज बुलन्द करने के लिए संगठन बना कर काम कर रहे हैं। आज सामाजिक संस्थाओं पर हो रहे हमलों और सरकारी दमन से परेशान, चिंतित और संघर्षरत हैं।

चंद्रकांत चौधरी

गांधी के अंतिमजन की कतार से आए चंद्रकांत चौधरी महाराष्ट्र के भुसावल में पिछले चालीस सालो से लगातार सामाजिक एवं सर्वोदय का काम करते आये है। संघर्ष वाहिनी,नर्मदा बचाओ आंदोलन,नशाबंदी मंडल,बाल कल्याण समिती,रेल्वे की हमाल युनियन,राष्ट्र सेवा दल आदि कई प्रगतिवादी संघठनो से जुडे हुये है। फिलहाल महाराष्ट्र प्रदेश सर्वोदय मंडल के महामंत्री है।जलगाव जिले के सौ सालो से अधिक समय से चल‌‌ रहे एक शिक्षा संस्था के अध्यक्ष है।

वाराणसी सत्याग्रह मे महाराष्ट्र का योगदान
——————————————–
महाराष्ट्र प्रदेश सर्वोदय मंडल के निर्णयानुसार न्याय के दीप जलाएं कार्यक्रम में महाराष्ट्र के लातूर तथा अकोला जिले से पिछले दिनों कई लोकसेवक वाराणसी पहुचे थे। नवंबर के अंतिम सप्ताह मे भी आए थे और फिर यहां के कार्यकर्ता दुबारा शास्त्री घाट पर मौजूद है।अकोला,बुलडाणा,धुले,जलगांव,गोंदिया,नाशिक ,वर्धा आदि जिलो से उन्नीस दिसंबर तक कार्यकर्ता आते रहेंगे। विगत कल से शास्त्री घाट पर महाराष्ट्र प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश दाणे,(धुले)चंद्रकांत चौधरी (महामंत्री)भुसावल, डॉ.शिवचरणसिंह ठाकूर,(अकोला,सेवाग्राम)कैलास मते (अध्यक्ष गोंदिया जिल्हा सर्वोदय मंडल), वहां के अन्य दो साथी,विलास वानखेडे (शेगाव ,बुलडाणा) प्रल्हाद नेमाडे, रवि नेमाडे(अकोला), डॉ.सोमनाथ रोडे (लातूर) सहित बारह साथी वाराणसी पहूंच गये है।

 आज उपवासपर चंद्रकांत चौधरी तथा डा.शिवचरणसिंह ठाकूर बैठे है.डा.ठाकूर महाराष्ट्र प्रदैश सर्वोदय मंडल के भूतपूर्व अध्यक्ष तथा सेवाग्राम स्थित नई तालीम में कार्यालय प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं।


 धुले (महाराष्ट्र) से पधारे हुये रमेश दाने, प्रदेश सर्वोदय मंडल कर अध्यक्ष है। धुले ऐसी जगह है ,जहा आचार्य विनोबा ने 1932 मे जेल में गीता प्रवचन दिये जिसे साने गुरुजी ने लिख लिये थे।आज गीता प्रवचन का छह भाषाओ मे प्रकाशन हुआ है और लाखो प्रतियाॅ लोगो तक पहूच गई हैं।अनुवादित मराठी संस्करण गीताई का प्रकाशन भी धुले जेल मे हुआ है जिसका प्रबंध जमनालाल बजाज ने किया था।विनोबा जी के भाई शिवाजी आबा भावे तीस साल तक धुले मे गांधी तत्वज्ञान 

मंदिर मे रहे। वही से पवनार चले गये। रमेश दाने पिछले बीस सालोसे विनोबा द्वारा संचलित साम्य योग साधना पाक्षिक का संपादन धुले से कर रहे है।

गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 96 वां दिन है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज सर्व धर्म प्रार्थना एवं गीता पाठ के साथ अपने 96 वें पायदान पर पहुंच गया है।

आज सत्याग्रह में उपवास पर चंद्रकांत चौधरी,डॉ बंशीधर, डॉ राहुल यादव,कुमार विजय,डॉ अनीता, डॉ शिवचरण सिंह ठाकुर एवं जोखन सिंह यादव के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, महाराष्ट्र प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश दाने,बुलढाना से विकास वानखेडे,बांदा से उदय नारायण भारतीय, वर्धा से मृत्युंजय ,निहाल गांधी,तारकेश्वर सिंह, चेन्नई से एस श्रीनिवासन,सोमनाथ रोड़े, शिव जी रोड़े, सोमेश्वर वाघमारे, गोरख भाऊ, शरद देशपांडे, सागर जाधव, अजय राउत, अर्जुन बलिराम जाधव, डॉ एस के यादव, डॉ आर के यादव, डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ संजय सिंह ,
डॉ सुधीर यादव, डॉ एस के शर्मा,वल्लभाचार्य, हरपूर गांव की महिला टीम,मिथिलेश दुबे, जागृति राही, सुरेश प्रताप सिंह,पत्रकार आदि शामिल थे।

जागृति राही, नंदलाल मास्टर
सत्याग्रह प्रभारी

राम धीरज, सर्व सेवा संघ