लोकनायक जयप्रकाश नारायण जयंती के अवसर पर पदयात्रियों ने लिया लोकतंत्र बचाने का संकल्प – पदयात्रा का 10वां दिन

लोकनायक जयप्रकाश नारायण को दी गई श्रद्धांजलि

आज 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण जयंती की अवसर पर सुबह 6 बजे नवाबगंज पड़ाव , प्रयागराज ज़िले में सभी पदयात्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने जयप्रकाश नारायण को याद किया और उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी।

उत्तरप्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष तथा जेपी आंदोलन के सेनानी राम धीरज ने इस अवसर पर कहा कि हम सब लोग 1974 में समाज परिवर्तन के लिए आए थे, लेकिन उस समय की तत्कालीन सत्ता ने युवाओं और जनता की आवाज़ दबाने के लिए आपातकाल (इमरजेंसी) लगा दी थी और लाखों लोगों को जेल में डाल दिया था। लेकिन फिर भी बदलाव की आवाज़ नहीं दबी और तत्कालीन सत्ता बदल गई।
आज फिर से, इमरजेंसी से भी बदतर माहौल है। इस माहौल को बदलने के लिए ही यह पदयात्रा सड़कों पर निकली है, ताकि लोग निर्भय होकर अपनी बात कह सकें और लिख सकें।

अन्य वक्ताओं – सोमनाथ रोड़े, अरविंद अंजुम ने जयप्रकाश नारायण के विचारों को याद करते हुए कहा कि वे सदैव कहते थे कि व्यक्तिगत आज़ादी के लिए किसी भी चीज़ से कोई समझौता नहीं किया जा सकता हैं। लोकतंत्र की रक्षा करना प्रत्येक जागरूक नागरिक का दायित्व है। आज जब संविधान और लोकतंत्र खतरे में है, तब सभी सचेत नागरिकों को आगे बढ़कर लोकतंत्र की हिफाज़त के लिए भूमिका निभानी होगी।

पदयात्रा का महेशगंज एवं आस-पास के क्षेत्रों में भव्य स्वागत

सुबह पदयात्रा मंसूराबाद से आगे बढ़कर महेशगंज, तहसील सोहराम (पोस्ट अठरमपुर) पहुँची, जहाँ किसान नेता बुल्लर पटेल ने यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।

इस अवसर पर यात्रा के संयोजक अरविंद अंजुम ने लोगों को संबोधित करते हुए यात्रा के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह यात्रा अमन, प्यार और बंधुत्व को बढ़ावा देने की यात्रा है। यह राजघाट से राजघाट तक चलने वाला प्यार का कारवां है। हम सभी का कर्तव्य है कि इस अभियान से मानसिक, शारीरिक अथवा उपलब्ध किसी भी रूप में जुड़कर योगदान दें। 

इसके पश्चात यात्रा मंसूराबाद बाज़ार पहुँची, जहाँ नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। सभा में नागरिकों को यात्रा के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

यात्रा आगे बढ़ते हुए ऐतिहासिक श्रृंगवेरपुर चौराहे पर पहुँची, जहाँ स्थानीय साथी विनोद कुशवाहा ने यात्रियों का स्वागत किया। दिन का पड़ाव दीपांजलि फार्मेसी कॉलेज में निर्धारित किया गया, जहाँ यात्रा दल ने विश्राम किया।

इसके बाद यात्रा लाल गोपालगंज, वरौंधा, खिदिरपुर, बचरौली, फूल मति मंदिर, कोटिला अख्तियार पहुंची

बचराोली गाँव में मिला अद्भुत मानवीय स्नेह, पदयात्रियों ने कहा – आज भी इंसानियत ज़िंदा है

यात्रा जब बचराोली गाँव से होकर गुज़री, तो एक ऐसा अनुभव सामने आया जिसने सभी के दिलों को गहराई तक छू लिया। आतुल त्रिपाठी (रिटायर्ड दरोगा), अपने घर से बाहर आकर यात्रियों का मुस्कान के साथ स्वागत किया। उन्होंने सभी यात्रियों को अपने घर आने का आग्रह किया और कहा कि “आज सभी यात्री यहीं रुकें और भोजन भी हमारे साथ करें।” उन्होंने आग्रहपूर्वक अपने परिवार के अन्य सदस्यों से परिचय कराया एवं नाश्ते की भी व्यवस्था की। 

पदयात्रियों का अंतिम पड़ाव रात में शेखपुरा मास डिग्री कॉलेज में हुआ। यहां पर प्रयागराज के आयोजकों की ओर सतेंद्र सिंह ने सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल को आनंद भवन का स्मृति चिन्ह भेंट किया। 

प्रमुख प्रतिभागी

यात्रा में लातूर से 84 साल के सोमनाथ रोड़े, 82 साल के दयाल चौधरी छत्तीसगढ़ से, 77 के विद्याधर मास्टर वाराणसी से भी इसमें शामिल हैं।

आज यात्रा में महाराष्ट्र से रमेश दाने, शिव चरण ठाकुर, लता ताई , राजपूत, बेबी वाईकर, माया ढंडे, मनरेगा मज़दूर यूनियन से अनिल, मुस्तफा, किरण, रेणु, मध्य प्रदेश से ईश्वर चंद्र त्रिपाठी( किसान यूनियन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) ल शामिल हुए।

 इसके अलावा भूपेश भूषण (युवा प्रकोष्ठ संयोजक), नंदलाल मास्टर (पदयात्रा आयोजन समिति संयोजक), श्यामधर तिवारी (सत्यमेव जयते), सतीश मराठा (हरियाणा), सरिता बहन (विनोबा आश्रम, गागोदा), सचिन (राष्ट्रीय युवा संगठन), डॉ. जीतेन नंदी,  (पश्चिम बंगाल), विद्याधर, जोखन यादव, सिस्टर फ्लोरीन, निधि,अंतर्यामी बरल, जगदीश कुमार,  समाजवादी जन परिषद के ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष राज किशोर तथा सुमंत सुनानी, अनोखेलाल, विभूति, सतेंद्र सिंह, गौरव पुरोहित, विवेक मिश्रा, सौरभ त्रिपाठी, अलीबा (ओडिशा),
प्रवीण वर्मा, नीरज राय, प्रियेश पांडे, विकास कुमार, ईश्वरचंद्र (सामाजिक कार्यकर्ता), चंदन पाल, रामधीरज (उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल अध्यक्ष), अरविंद कुशवाह एवं अरविंद अंजुम (सर्व सेवा संघ मंत्री) महेश भाई, बिहार से अनिल सिंह, माणिकचंद, ओडिशा सर्वोदय मंडल के सचिव आर्यभट्ट महंत, वकार हुसैन बिहार, शिराज़ अहमद (जौनपुर)आदि 90 से अधिक लोग इस पदयात्रा में शामिल हुए।