इस सरकार में गांधीजी की पुस्तकें सड़कों पर फेंकी हुई मिलती है – सत्याग्रह का 93वां दिन

आज सत्याग्रह के 93 वें दिन उपवास पर सिक्किम से आई हेलेना लेप्चा बैठी हैं। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के निवासी जोखन सिंह यादव आज भी उपवास पर हैं।

आज के उपवास पर बैठी हेलेना लेप्चा गंगटोक, सिक्किम की मूल निवासी हैं और इस समय सेल्सियन कॉलेज, सिलीगुड़ी में समाजशास्त्र की प्रोफेसर हैं। गांधीवादी दर्शन की कालातीत प्रासंगिकता में दृढ़ता से विश्वास करती हैं।

महात्मा गांधी के अहिंसा, सादगी और आत्मनिर्भरता के सिद्धांत मे गहराई से जुड़ी हुई हैं और इन मूल्यों को अपने शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन में शामिल करने का प्रयास करती हैं।

“इनके पिता फ्रांसिस लेप्चा भी गांधी विचार से गहरे रूप से जुड़े हुए थे। पिता के विचार का गहरा असर इनके जीवन पर पडा है। अहिंसा, सामाजिक सद्भाव और सामाजिक न्याय की संस्कृति को बढ़ावा देने में लगी हुई है।

पुस्तकों की दुर्गति से मर्माहत हूं – हेलेना

हेलेना कहती हैं कि मैं सिक्किम से इस सत्याग्रह में भाग लेने के लिए वाराणसी आई हूं क्योंकि जब मैंने सोशल मीडिया में गांधी जी की पुस्तकों को सड़क पर फेंके हुए देखा तो मुझे बहुत दुख हुआ और मैंने यह तय किया कि गांधी विचार को बचाने के लिए जो यह सत्याग्रह चल रहा है, अगर इसमें बैठने की अनुमति मिलेगी तो मैं जरूर बैठूंगी। आज यहां सत्याग्रह में शामिल हुई हूं, मुझे बहुत खुशी है।

सत्याग्रह स्थल से रामधीरज ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है, समन्वय यहां की संस्कृति है और जब इस परम्परा पर चोट पहुंचती है तो शिकायत, असंतोष और अशांति पैदा होती है। मणिपुर की हिंसा इसी का दुष्परिणाम है। सरकार और प्रशासन का रुख सामंजस्य और निष्पक्षता का नहीं है। मणिपुर की घटनाओं से हम सभी दुखी हैं। हम शांति चाहते हैं और सामान्य इंसान भी यही चाहता है। सद्भाव, न्याय और शांति पूरी दुनिया का लक्ष्य है। सत्याग्रह की व्यापकता इसी विचार और मूल्य से प्रेरित है।

गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 93 वां दिन है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज सर्व धर्म प्रार्थना एवं गीता पाठ के साथ अपने 93 वें पायदान पर पहुंच गया है।

आज सत्याग्रह में उपवासकर्ता हेलेना लेप्चा के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, रविंद्र दुबे, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, गांधीयन एक्टिविस्ट जागृति राही, समाज सेविका सिस्टर फ्लोरीन, लोक समिति की आशा राय, फूलदेई, प्रीति गौड, सावित्री राय, निहाल गांधी, डॉ शिवचरण ठाकुर, विलास वानखेडे, प्रहलाद निमाड़े, शारदा पाटिल, ऋतुजा निमाड़े, तारकेश्वर सिंह आदि शामिल थे।

जागृति राही, नंदलाल मास्टर
सत्याग्रह प्रभारी

राम धीरज, सर्व सेवा संघ