सत्याग्रह न्याय की जीत का मार्ग है – सत्याग्रह का 68वां दिन

गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 68 वां दिन है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज सर्व धर्म प्रार्थना के साथ अपने 68 वें पायदान पर पहुँच गया है। एकता परिषद, बिहार के संयोजक एवं बक्सर निवासी रंजीत राजभर, उत्तर प्रदेश प्रतापगंज के साथी उमा यादव, पटना,बिहार के शिव कुमार, सोनू कुमार, माधुरी देवी एवं पूजा कुमारी हेम्ब्रेम उपवास पर बैठी हैं l

यह सत्याग्रह न्याय की जीत का मार्ग है – रंजीत राजभर

एकता परिषद बिहार के संयोजक रंजीत राजभर बक्सर जिला के सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता है।वे 2006 से लगातार जल, जंगल जमीन को लेकर काम कर रहे हैं l जनादेश यात्रा 2006 जन सत्याग्रह 2012, जन आंदोलन 2015 में अपने जिले का प्रभावशाली नेतृत्व किया l वे 2022 से एकता परिषद बिहार के संयोजक हैं l
राजघाट, वाराणसी में चल रहे सत्याग्रह मे अपना सक्रिय समर्थन और भागीदारी देते हुए उन्होंने कहा कि गाँधी विरासत को ध्वस्त करने की कार्रवाई केंद्र सरकार की सोची समझी साजिश है जिसे
जिला प्रशासन, वाराणसी और उतर रेल्वे ने अंजाम दिया है
यह सत्याग्रह न्याय की जीत का मार्ग है l

सत्ता सुख का नहीं सेवा का साधन है – सुधाकर सिंह, सांसद,बक्सर

आज सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह ने अपना समर्थन दिया। इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बनारस ज्ञान और ध्यान का केंद्र रहा है जिसे एक प्रवासी व्यक्ति ने धन बटोरने का माध्यम बना लिया है। बनारस में समाजवादी आंदोलन की जड़ें काफी गहरी रही है। प्रकांड विद्वान आचार्य नरेंद्र देव,राममनोहर लोहिया, राजनारायण जैसे तपस्वियों की इस भूमि में फिर से एक बार सत्याग्रह का बिगुल बज गया है। देर तो सकता है लेकिन अंधेरा जरूर मिटेगा,यही सत्याग्रह का संकल्प है। इस बार के लोकसभा चुनाव में इन्हें जनता ने सबक सिखा दिया है।शायद अगली बार यहां से वे चुनाव न लड़ें या फिर दो जगहों से लड़ें। उन्होंने कहा कि इस देश में राजपद छोड़कर सन्यासी बनने की परंपरा रही है और अब इस त्यागमई उदाहरण को विकृत करते हुए संन्यासी राजपद पर चढ़ बैठे हैं,चढ़ने के लिए ललक रहे हैं।वास्तव में ये नकली और सत्तालोलुप सन्यासी हैं।जबकि सत्ता सुख का साधन नहीं सेवा का व्रत है। सत्याग्रहियों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि सर्व सेवा संघ परिसर के मामले को वे संसद में उठाएंगे।लेकिन संसद में आजकल सही जवाब नहीं दिया जाता। यह सरकार धीरे-धीरे कर संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट कर रही है। यहां तक कि सवालों को ही निरस्त कर दिया जाता है।सभा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर ने कहा कि सत्य और अहिंसा सनातन की दो आंखें हैं जिसे आर एस एस ने अंधा बनाने का प्रयास किया है जो कभी सफल नहीं होगा। सभा को रामधीरज,नंदलाल मास्टर,जागृति राही और अरविंद अंजुम,संजीव सिंह,लालप्रकाश राही ने भी संबोधित किया।

आज उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाके से अवध यूथ कलेक्टिव के साथियों ने सत्याग्रह स्थल पर आकर अपना समर्थन दिया। उन्होंने एकता के गीत गाए और नारे लगाए।

उपवासकर्ता रंजीत राजभर,शिव कुमार,सोनू कुमार,माधुरी देवी,पूजा कुमारी हेंब्रम,उमा यादव के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज,मंत्री अरविंद अंजुम,लेखक एवं पत्रकार शक्ति कुमार,सुरेंद्र नारायण सिंह, लोक समिति आश्रम के नंदलाल मास्टर,पूनम,वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर,गाधीवादी कार्यकर्ता जागृति राही, लोक चेतना समिति की रंजू सिंह,एकता परिषद के प्रदीप प्रियदर्शी,प्रवीण कुमार सिंह,मंजुला डुंगडुंग, इंद्रमणी देवी,देवनारायण रविदास,जोखन सिंह यादव, आइकैन के महेंद्र, मनरेगा मजदूर यूनियन के सुरेश राठौर,खेत मजदूर किसान संग्राम समिति के लालप्रकाश राही,संजीव सिंह, आनंद,बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह, धीरेन्द्र बहादुर सिंह,अरविंद सिंह,के डी सिंह, अनिल सिंह शामिल हुए।

जागृति राही, नंदलाल मास्टर

सत्याग्रह प्रभारी

रामधीरज, सर्व सेवा संघ