दिन–54 | 24 नवम्बर 2025
फरीदाबाद (हरियाणा)
“पदयात्रा के अंतिम पड़ाव में देशभर से बड़ी संख्या में लोग जुटे रहे।”
2 अक्टूबर को राजघाट, बनारस से संविधान, लोकतंत्र, सद्भावना और बंधुत्व का संदेश लेकर आरम्भ हुई ‘एक कदम गांधी के साथ’ पदयात्रा अपने 54 वे दिन पृथला, हरियाणा से आगे बढ़ी। यात्रा आगे बढ़ने से पहले पदयात्रा टीम द्वारा स्वागतकर्ताओं को ‘सर्वोदय जगत’ पत्रिका, गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’, तथा संघ द्वारा प्रकाशित नई पुस्तक “आरोपों की आंधी में अडिग गांधी” भेंट की गई।




इसके बाद पदयात्रा जेसीबी चौक पहुंची पदयात्रियों का स्थानीय आयोजकों द्वारा स्वागत किया गया। सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सत्ता किसानों और मजदूरों की होनी चाहिए, क्योंकि देश के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान इन्हीं वर्गों का है। यह भी कहा गया कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन पहले अंग्रेजों ने किया था और आज पूँजीपतियों के द्वारा किया जा रहा है, जो देश की सामाजिक–आर्थिक संरचना के लिए हानिकारक है।
हिन्दू मजदूर महा संघ, बल्लभगढ़ (जेसीबी चौक, हरियाणा) से जुड़े सुरेंद्र लाल जी ने कहा कि “समय हिंसा की ओर धकेला जा रहा है, यूनियनें कमजोर की जा रही हैं, परंतु गांधी के रास्ते की जो ज्योति इस पदयात्रा से प्रज्वलित हो रही है, वह आगे भी धधकती रहेगी।”
इस अवसर पर अतुल संघर्ष (आयोजक–विधानसभा 88, बल्लभगढ़) भी उपस्थित रहे। जेसीबी चौक में ही पदयात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी ।





भोजन के बाद यात्रा फरीदाबाद की तरफ आगे बढ़ी । बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन पर स्थानीय नागरिकों – कृष्ण यादव, अजय, विनोद यादव, सुखवीर राठौर ने पदयात्रियों का फूल-मालाओं से स्वागत किया।
यात्रा के संयोजक अरविन्द अंजुम जी ने कहा कि “हम सब एक ही राह के राही हैं।” उन्होंने महात्मा गांधी के जीवन का उल्लेख करते हुए बताया कि अंग्रेजों द्वारा किए गए भेदभाव ने गांधी जी की आत्मा को झकझोर दिया था, जिसके बाद उन्होंने अपने सभी सुख–सुविधाओं का त्याग कर स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसात्मक आन्दोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने बिना अस्त्र–शस्त्र के दुनिया की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ी और साम्राज्यवादी ताकतों को झुकाया।




यात्रा के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि जब तक गांधी ज़िंदा हैं, देश ज़िंदा है और संविधान ज़िंदा है। गुजरात के साबरमती आश्रम पर कब्ज़ा किया जा रहा। कई संस्थानों पर भी दबाव या दखल की चर्चाएँ होती हैं। जयपुर के गांधी आश्रम को भी अवैध घोषित करके कब्जा करने का प्रयास है ।
फरीदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता डी. के. शर्मा (बल्लभगढ़) ने कहा, “जनता जो बोलेगी, सरकार को वही करना पड़ेगा।”



आज कार्यक्रम में किसन चहल, बृजमोहन वशिष्ठ, ज्ञानदेव वात्स, वीरेंद, राम प्रसाद, हरीश शर्मा, सुरेश शर्मा, रामदत्त, हरिश्चन्द्र जी सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उपस्थिति दर्ज की।
यात्रा में शामिल प्रमुख प्रतिभागी:
चंदन पाल राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्व सेवा संघ , रामधीरज, नन्दलाल मास्टर उप्र, अरविंद अंजुम (झारखंड), भूपेश भूषण(मप्र), सोमनाथ रोड़े (महाराष्ट्र) ,संजय सिंह ( सचिव गांधी स्मारक निधी), सतीश मराठा (हरियाणा) आसमा आदिवासी मप्र, संजय राय (सचिव हरिजन सेवक संघ), दशरथ भाई किसान नेता, प्रोफेसर मैदानी, अशोक भाई, जोखन यादव, विद्याधर मास्टर, श्यामधर तिवारी, प्रवीण वर्मा, विवेक मिश्रा नीरज राय, प्रियेश, दिवाकर, धनंजय, नीति, पुरुषोत्तम विश्वनाथ, तरुण कुमार, प्रियंका, सुनील मास्टर, आशा राय, अनीता पटेल, सीमा बेबी आशा रानी, मैनब (उप्र) जगदीश कुमार राजस्थान), विकास, मानिकचंद साहनी डॉ विष्णु कुमार (बिहार) सरिता बहन, सिस्टर फ्लोरीन, अलीभा, अंतर्यामी बराल, सौरभ, निधि, बृजेश, टैन, सचिन, आंचल, संध्या, श्रीनिवासन, विष्णु कुमार, आसमा आदिवासी, संजना, विवेक यादव, नीलम, मैनब, सुनील मास्टर, विपिन, रमाकांत, रेवा, अनु, बजरंग भाई, ऋषभ, शिवधर , डॉ एम एच पाटील, बीरेंद्र आदि 100 से अधिक पदयात्री यात्रा में लगातार चल रहे हैं।

