न्याय के दीप जलाएं-100 दिनी सत्याग्रह
गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 53 वां दिन है। इस सत्याग्रह में अब तक उड़ीसा,पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की भागीदारी हो चुकी है।कल से 5 नवंबर तक आंध्र प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सर्वोदय साथी सत्याग्रह में भाग ले रहे हैं।
विरासत बचाने के लिए उपवास पर बैठे डॉ डी दीनबंधु
गांधी विनोबा और जयप्रकाश के आईडिया ऑफ़ इंडिया की इस विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाए जलाए -100 दिवसीय सत्याग्रह जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। इस सत्याग्रह के समर्थन में इलाहाबाद, अकोला, पटना, वर्धा, कटक, भुवनेश्वर सहित उड़ीसा के 14 स्थानो पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। कई कार्यक्रम सर्वोदय मंडल की ओर से हुए हैं तो कुछ समान विचार वाले संगठनों, जैसे- लोक समिति लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान, आइकैन द्वारा। कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजघाट जाकर अपना समर्थन व्यक्त किया है।
आज के सत्याग्रह में डॉ डी दीनबंधु उपवास पर बैठे हैं। डॉ दीनबंधु एक प्रतिभाशाली, बहुआयामी और बहुमुखी व्यक्तित्व हैं। *आंध्र विश्वविद्यालय से उन्होंने भौतिक विज्ञान में शोध कर डॉक्टरेट की उपाधि* हासिल किया है। शिक्षा और नाटक शास्त्र में न केवल उन्हें डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त है बल्कि महारत भी है। इनके कई लेख देश एवं विदेश की पत्रिकाओं एवं जर्नल में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अध्यापन,नाटक और समाज सेवा इनकी रुचि के विशिष्ट क्षेत्र हैं। फिलहाल ये विशाखापट्टनम स्थित डॉ एल बी इंजीनियरिंग कॉलेज के भौतिक इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए इन्हें कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है। इन्हें 2020 में मदर टेरेसा मानवता पुरस्कार तथा स्नेहांजलि कला, विशाखापट्टनम द्वारा अकादमिक और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दीनबंधु आंध्र प्रदेश सर्वोदय मंडल के कोषाध्यक्ष पद पर रहकर गांधी, विनोबा और जयप्रकाश के विचारों के प्रचार-प्रसार में सक्रिय हैं।
महान लोगों की यादों को मिटाने की कोशिश अस्वी कार्य-डा दीनबंधु
डॉ दीनबंधु का कहना है कि बनारस एक ऐतिहासिक स्थान है और सर्व सेवा संघ परिसर इस इतिहास का अविस्मरणीय हिस्सा है। स्वतंत्रता आंदोलन के महान लोगों के कदम इस स्थान पर पड़े हैं और उनके पदचाप की गूंज आज भी वातावरण में व्याप्त है। इस प्रेरणादाई विरासत को ध्वस्त करना मानवता के प्रति अपराध है जो इस सरकार ने किया है। लेकिन मनुष्य अपनी हर गलती को सुधार सकता है और हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य इस गलती को सुधारेगा। यह सत्याग्रह गलतियों को सुधारने का उद्यम है।
आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता डॉ डी दीनबंधु के अलावा सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल,अलख भाई, शक्ति कुमार, मथुरा सिंह, तारकेश्वर सिंह, नंदलाल मास्टर,शाहिद कमाल,राजेश मानव,रामधीरज, छोटेलाल,अवधेश कुमार,लली कुमारी, एन रामबाबू नायडू, दत्ता मनी, जी रवि कुमार, जी प्रदीप कुमार, वी लता, एन एस किरण, जी शिव पार्वती, सुरेंद्र नारायण सिंह, डॉ राजेंद्र,भूपेश भूषण,महेश कुमार भास्कर,गगन कु गोंड आदि शामिल हुए।
नंदलाल मास्टर,जागृति राही
सत्याग्रह प्रभारी
रामधीरज, सर्व सेवा संघ