सर्व सेवा संघ के राजघाट परिसर को अवैध कब्जे से मुक्त कराने और गिराए गए भवनों के पुनर्निर्माण के लिए 11 सितंबर 2024 को प्रारंभ 100 दिन का सत्याग्रह आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। सुबह 6:00 बजे सर्व धर्म प्रार्थना के साथ सत्याग्रह का प्रारंभ हुआ और आज उपवास पर उड़ीसा के ढेंकनाल जिले के सर्वोदय कार्यकर्ता अंतर्यामी बरल बैठे। सत्याग्रह में वरिष्ठ गांधीवादी कृष्णा मोहंती, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल,महामंत्री गौरांग महापात्र,मंत्री- अरविंद कुशवाह,अरविंद अंजुम, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज,अजय यादव,अशोक भारत,उत्कल सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष मिहिर प्रताप दास,रुबिया बेगम,ललित मोहन बेहरा,गौरांग चरण राउत,चूड़ामणि साहू,निलेंद्री साहू आदि शामिल हुए।
राजघाट, वाराणसी में आचार्य विनोबा भावे की प्रेरणा से स्थापित सर्व सेवा संघ- साधना केंद्र की स्थापना 1960 में हुई थी। इस उद्देश्य के लिए सर्व सेवा संघ ने नॉर्दर्न रेलवे से सेल डीड के जरिए 12.89 एकड़ खरीदा था जिसे जिला प्रशासन ने कूटरचित और फर्जी बताकर लूट लिया।
सर्व सेवा संघ के महामंत्री गौरांग महापात्र ने बताया कि इस परिसर से गांधी विचार के प्रचार प्रसार का कामकाज हो रहा था। यह भूदान आंदोलन का केंद्र था और यहां से पुस्तकें प्रकाशित होती थी। परिसर में 2020 में गांधी प्रतिमा की स्थापना भी की गई थी परंतु स्थानीय और रेल प्रशासन के नियंत्रण में होने के बावजूद गांधी प्रतिमा के चबूतरे के चारों तरफ की रेलिंग गायब हो गई है। वहां गंदगी का अंबार लगा रहता है। गांधी जी की प्रतिमा की अपेक्षा सरकार एवं स्थानीय प्रशासन के वास्तविक इरादे को उजागर करता है। उन्होंने सरकार से मांग किया हैं कि गांधी प्रतिमा स्थल की साफ सफाई नियमित रूप से की जाए और प्रतिमा स्थल की मर्यादा का पालन हो। साथ ही आम लोगों के लिए गांधी प्रतिमा तक जाने का रास्ता उपलब्ध कराया जाए। अरविंद कुशवाह ने कहा कि यह बहुत अफसोस की बात है कि कॉर्पोरेट को लाभ पंहुचाने के लिए गांधी प्रतिमा को बंदी बना लिया गया है। इस तरह की हरकत कोई असंवेदनशील सरकार की कर सकती है।
सत्याग्रह का समापन सर्वधर्म प्रार्थना के साथ हुआ प्रार्थना के सूत्र संचालन के रूप में जागृति राही ने भूमिका अदा की। आज सत्याग्रह पर बैठे अंतर्यामी वरल को वाराणसी के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता फादर आनंद ने फल का रस पिलाकर उपवास तुड़वाया।दीप प्रज्जवलन और महात्मा गांधी अमर रहे के नारे के साथ तीसरे दिन का सत्याग्रह संपन्न हुआ।